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Thursday, September 9, 2010

आ जाए तू अगर...

अधूरी कहानी छोड़ी थी वहां
एक सिरा मिल जाए तो बस
बात बन जाए
कसमसाती धड़कनें चलने लगें
तू आवाज दे तो बस
बात बन जाए
क्यूं ढांक दूं मैं ये जख्म
तेरे प्यार ने जो दिया
तू आकर इसे छू जाए तो
बस बात बन जाए
सब सपने, वादे, इरादे
देख धुंधलाने लगे हैं
अपने अहसास से इन्हें
छंटा दे तो बस
बात बन जाए
वक्त अभी भी है जीने को
बस तेरा साथ मिल जाए
तो बात बन जाए

4 comments:

Asha Joglekar said...

कसमसाती धड़कनें चलने लगें
तू आवाज दे तो बस
बात बन जाए
क्यूं ढांक दूं मैं ये जख्म
तेरे प्यार ने जो दिया
तू आकर इसे छू जाए तो
बस बात बन जाए ।
कितनी तीव्र है किसी से मिलने की चाह । सुंदर रचना ।

mai... ratnakar said...

वक्त अभी भी है जीने को
बस तेरा साथ मिल जाए
तो बात बन जाए


क्या बात है!!!!
ऐसा खूबसूरत लेखन
और पढने मिल जाए
तो बात बन जाए

kaushal said...

दिल से दुआ देता हूं...
आपकी जिंदगी में वो आ जाए
और बात बन जाए
और आपका इंतजार खत्म हो जाए

kaushal said...

दिल से दुआ देता हूं...
आपकी जिंदगी में वो आ जाए
और बात बन जाए
और आपका इंतजार खत्म हो जाए