फिल्म बॉर्डर की लाइनें याद हैं मुझे....
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"तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं"
जी हां, धरती पर वसुधैव कुटुबम्कम को चरितार्थ तभी किया जा सकता है जब G-14 अस्तित्व में आएगा... ताकि सिर्फ
ताकतवर ही नहीं बल्कि कमजोर की आवाज भी वैश्विक स्तर पर सुनी और सुनाई जा सके...
6 comments:
खुलकर बोलने का यह अंदाज पसंद आया।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सही बात कही आपने ...वैसे डायलोग सही यूज किया
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
बहुत सुन्दर
रौशनी के इस शहर मे मेरा ही घर है बेचिराग.....
इस अंधेरे से तुम्हें मेरा पता मिल जायेगा.....
रौशनी के इस शहर मे मेरा ही घर है बेचिराग....
इस अंधेरे से तुम्हें मेरा पता मिल जायेगा......
www.manojrajsingh.blogspot.com
ATTENTION EVERYBODY...
THANX FOR THE GENUINE COMMENTS,
BUT U R REQUESTED TO COMMENT ONLY RELATED TO THE ARTICAL... PARTICULARLY
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